Wednesday, January 22, 2020

चन्द्रगुप्त

चन्द्रगुप्त समुद्रगुप्त के सभी पुत्रो में सर्वाधिक योग्य था अपने कायर भाई रामगुप्त के वध के बाद उसने रजशिहाष्न सभाला  अत्यंत वीर  और प्रातापी राजा था उसकी उपाधियों से यह प्रमाणित होता है कि उसकी उपाधियां विक्रमादित्य , विक्रमंक , नरेंद्र चंद्र सिह , विक्रम ,सिह चंद्र आदि थी ।          चन्द्रुप्तचंद्रगुप्त मौर्य एक वीर योद्धा एवं साम्राज्य निर्माता ही नहीं था, अपितु अत्यंत योग्य शासक भी था। मौर्यों की प्रशासनिक व्यवस्था जो कालांतर की सभी भारतीय प्रशासनिक व्यवस्थाओं का आधार कही जा सकती है।
ये सभी योग्यताएं चंद्रगुप्त के गुरु एवं प्रधान मंत्री कौटिल्य की राजनीतिक सूझबूझ का ही परिणाम थी। इस प्रकार चंद्रगुप्त एक निपुण तथा लोकोपकारी शासन व्यवस्था का निर्माता था। उसका शासनादर्श बाद के हिन्दू शासकों के लिये अनुकरणीय बना रहा।
मौर्य प्रशासन के अधिकांश आदर्शों को आधुनिक युग के भारतीय शासन में भी देखा जा सकता है। चंद्रगुप्त ने अपने व्यक्तित्व एवं आचरण से कौटिल्य के प्रजाहित के राज्यादर्श को कार्य रूप में परिणत कर दिया।
उसकी सफलताओं ने भारत को विश्व के राजनीतिक मानचित्र में प्रतिष्ठित कर दिया।
चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा विदेशी कन्या से विवाह करना भारत के तत्कालीन सामाजिक जीवन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन था। इससे उसके मस्तिष्क की उदारता का पता चलता है। की अयोग्यता 

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